Saturday, June 19, 2010

ये ही राजे ज़िन्दगी है... (From the Pen of My Father)

ये ही राजे ज़िन्दगी है...
कभी ग़म कभी ख़ुशी है...
न ग़मो से टूट जाना...
न ख़ुशी में फूल जाना...

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